प्रारंभिक परीक्षा में सामान्य विज्ञान, राष्ट्रीय तथा अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व की समसामयिक घटनाएँ, भारत का इतिहास तथा बिहार के इतिहास की प्रमुख विशेषताएँ, सामान्य भूगोल, बिहार के प्रमुख भौगोलिक प्रभाग तथा यहाँ की महत्त्वपूर्ण नदियाँ, भारत की राजव्यवस्था और अर्थव्यवस्था, आज़ादी के पश्चात् बिहार की अर्थव्यवस्था के प्रमुख परिवर्तन, भारत का राष्ट्रीय आंदोलन तथा इसमें बिहार का योगदान एवं सामान्य मानसिक योग्यता को जाँचने वाले प्रश्न होंगे।
सामान्य विज्ञान के अंतर्गत दैनिक अनुभव तथा प्रेक्षण से संबंधित विषयों सहित विज्ञान की सामान्य जानकारी तथा परिबोध पर ऐसे प्रश्न पूछे जाते हैं, जिसकी किसी भी सुशिक्षित व्यक्ति से अपेक्षा की जा सकती है, जिसने वैज्ञानिक विषयों का विशेष अध्ययन नहीं किया है।
इतिहास के अंतर्गत विषय के सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक परिप्रेक्ष्य में विषय की सामान्य जानकारी पर विशेष ध्यान दिया जाता है। परीक्षार्थियों से आशा की जाती है कि वे बिहार के इतिहास की मुख्य घटनाओं से परिचित हों।
भूगोल में ‘भारत तथा बिहार’ के भूगोल पर विशेष ध्यान दिया जाता है। ‘भारत तथा बिहार का भूगोल’ के अंतर्गत देश के सामाजिक तथा आर्थिक भूगोल से संबंधित प्रश्न होते हैं, जिनमें भारतीय कृषि तथा प्राकृतिक संसाधनों की प्रमुख विशेषताएँ सम्मिलित होती हैं।
भारत की राजव्यवस्था और अर्थव्यवस्था के अंतर्गत देश की राजनीतिक प्रणाली, पंचायती राज, सामुदायिक विकास तथा भारतीय योजना (बिहार के संदर्भ में भी) संबंधी जानकारी का परीक्षण किया जाता है।
‘भारत के राष्ट्रीय आंदोलन’ के अंतर्गत उन्नीसवीं शताब्दी के पुनरुत्थान के स्वरूप और स्वभाव, राष्ट्रीयता का विकास तथा स्वतंत्रता प्राप्ति से संबंधित प्रश्न पूछे जाते हैं। परीक्षार्थियों से आशा की जाती है कि वे भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में बिहार की भूमिका पर पूछे गए प्रश्नों के भी उत्तर दें।
नोट: BPSC द्वारा अब समान प्रकृति वाले पदों के लिये होने वाली अलग-अलग प्रारंभिक परीक्षाओं की जगह साल में संयुक्त रूप से एक ही कॉमन प्रारंभिक परीक्षा का आयोजन किया जाएगा। इसके बाद उसके स्कोर के आधार पर अभ्यर्थियों को अलग-अलग मुख्य (लिखित) परीक्षा में बैठने की अनुमति मिलेगी। यह बदलाव 69वीं संयुक्त प्रारंभिक प्रतियोगिता परीक्षा से लागू किया जाएगा।
सामान्य अध्ययन के 6 प्रश्नपत्र तथा सामान्य हिंदी एवं निबंध के एक – एक प्रश्नपत्र में प्रत्येक प्रश्नपत्र को हल करने के लिए अधिकतम 3 घंटे का समय निर्धारित होता है।
प्रश्नपत्र-I में आधुनिक भारत (तथा बिहार के विशेष संदर्भ में) के इतिहास और भारतीय संस्कृति के अंतर्गत लगभग उन्नीसवीं शताब्दी के मध्य भाग से लेकर देश के इतिहास की रूपरेखा के साथ-साथ गांधी, रवीन्द्र और नेहरू से संबंधित प्रश्न भी सम्मिलित होंगे। बिहार के आधुनिक इतिहास के संदर्भ में प्रश्न इस क्षेत्र में पाश्चात्य शिक्षा (प्रौद्योगिकी शिक्षा समेत) के आरंभ और विकास से पूछे जाएंगे। इसमें भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में बिहार की भूमिका से संबंधित प्रश्न रहेंगे। ये प्रश्न मुख्यत: संथाल विद्रोह, बिहार में 1857 की क्रांति, बिरसा का आंदोलन, चंपारण सत्याग्रह तथा 1942 का भारत छोड़ो आंदोलन से पूछे जाएंगे। परीक्षार्थियों से आशा की जाती है कि वे मौर्य काल तथा पाल काल की कला और पटना कलम चित्रकला की मुख्य विशेषताओं से परिचित होंगे। सांख्यिकीय विश्लेषण, आरेखन और सचित्र निरूपण से संबंधित विषयों में सांख्यिकीय आरेखन या चित्रात्मक रूप से प्रस्तुत सामग्री की जानकारी के आधार पर सहज बुद्धि का प्रयोग करते हुए कुछ निष्कर्ष निकालना और उसमें पाई गई कमियों, सीमाओं और असंगतियों का निरूपण करने की क्षमता की परीक्षा होगी।
प्रश्नपत्र-II में भारतीय राजव्यवस्था से संबंधित खंड में भारत की (तथा बिहार की) राजनीतिक व्यवस्था से संबंधित प्रश्न होंगे। भारतीय अर्थव्यवस्था और भारत तथा बिहार के भूगोल से संबंधित खंड में भारत की योजना और भारत के भौतिक, आर्थिक और सामाजिक भूगोल से संबंधित प्रश्न पूछ जाएंगे। भारत के विकास में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के महत्त्व और प्रभाव से संबंधित तीसरे खंड में ऐसे प्रश्न पूछे जाएंगे, जो भारत तथा बिहार में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के महत्त्व के बारे में उम्मीदवार की जानकारी की परीक्षा करे। इनमें प्रायोगिक पक्ष पर बल दिया जाएगा।
UPSC पैटर्न पर बिहार सम्बंधित विषय निबंध का पेपर 300 अंकों का होगा | यह प्रश्नपत्र तीन भागों में विभक्त होगा | पहले और दुसरे भाग का निबंध UPSC पैटर्न पर आधारित होगा जबकि तीसरे भाग में बिहार ओरिएंटेड विषय पर निबंध होगा |
बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा निर्धारित पाठ्यक्रम पर आधारित वैकल्पिक विषय 100 अंकों का होगा जो अब वस्तुनिष्ठ प्रकृति का होगा। और साथ ही इसमें आयोग द्वारा निर्धारित न्यूनतम प्राप्तांक अर्जित करना अनिवार्य होगा परंतु मेधा निर्धारण में इसकी गणना नहीं की जाएगी। वहीं पूरे पाठ्यक्रम को मिलाकर (खंड-1 और खंड 2) एक प्रश्नपत्र होगा।